Nifty और Sensex क्या हैं? इनके बीच अंतर समझें
📌 सबसे पहले समझें – Index (सूचकांक) क्या होता है?
जब शेयर बाजार में हजारों कंपनियों के शेयर लिस्टेड होते हैं, तो सभी पर नजर रखना मुश्किल हो जाता है। इसलिए बाजार को ट्रैक करने के लिए एक संकेतक (Index) बनाया जाता है जो चुनिंदा कंपनियों के आधार पर पूरे मार्केट के मूवमेंट को दर्शाता है।
जैसे:
💡 मान लीजिए भारत में 5000 कंपनियां लिस्टे
ड हैं।
अब आप हर कंपनी का प्रदर्शन नहीं देख सकते।
लेकिन अगर टॉप 30 या 50 कंपनियों का औसत प्रदर्शन देखें – तो आपको पूरे बाजार का अंदाज़ा हो जाएगा।
यही काम Sensex (30 कंपनियां) और Nifty (50 कंपनियां) करते हैं।
✅ Nifty क्या है? (National Stock Exchange Index)
🔷 Full Form: National Fifty Index (Nifty 50)
यह NSE (National Stock Exchange) का प्रमुख इंडेक्स है।
✔️ मुख्य बातें:
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Nifty उन 50 सबसे बड़ी कंपनियों का समूह है जो NSE पर लिस्टेड हैं।
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ये कंपनियां भारत की अर्थव्यवस्था के अलग-अलग सेक्टर्स से चुनी जाती हैं – जैसे IT, बैंकिंग, ऑटो, एनर्जी, FMCG आदि।
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Nifty को 1996 में शुरू किया गया था।
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इसका बेस ईयर: 1995, और बेस वैल्यू: 1000 है।
🧩 कैसे बनता है Nifty?
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NSE भारत के सभी स्टॉक्स को देखता है।
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फिर उनमें से टॉप 50 कंपनियों को चुना जाता है जिनमें:
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मार्केट कैप बड़ा हो
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ट्रेडिंग वॉल्यूम ज़्यादा हो
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फ्री फ्लोट शेयर हो (यानी पब्लिक के पास जो शेयर हैं)
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📘 उदाहरण:
Nifty 50 में शामिल कुछ बड़ी कंपनियां:
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Reliance Industries
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HDFC Bank
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Infosys
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TCS
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ICICI Bank
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ITC
✅ Sensex क्या है? (Bombay Stock Exchange Index)
🔷 Full Form: Sensitive Index (Sensex)
यह BSE (Bombay Stock Exchange) का मुख्य इंडेक्स है।
✔️ मुख्य बातें:
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Sensex टॉप 30 कंपनियों का औसत प्रदर्शन दिखाता है।
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ये भी विभिन्न सेक्टर्स से ली जाती हैं – ताकि बाजार का असली हाल दिखाया जा सके।
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इसे 1986 में शुरू किया गया था।
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इसका बेस ईयर: 1978-79, और बेस वैल्यू: 100 है।
🧩 कैसे बनता है Sensex?
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BSE भारत की हजारों कंपनियों का विश्लेषण करता है।
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फिर 30 सबसे बड़ी और प्रभावशाली कंपनियों को चुना जाता है जो बाजार को चलाती हैं।
📘 उदाहरण:
Sensex की टॉप कंपनियां:
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HDFC Bank
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Tata Consultancy Services (TCS)
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SBI
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Larsen & Toubro
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Hindustan Unilever
⚖️ अंतर समझें – Nifty vs Sensex
| 📌 तुलना बिंदु | Nifty | Sensex |
|---|---|---|
| स्टॉक एक्सचेंज | NSE (National Stock Exchange) | BSE (Bombay Stock Exchange) |
| कंपनियों की संख्या | 50 कंपनियां | 30 कंपनियां |
| लॉन्च साल | 1996 | 1986 |
| बेस ईयर | 1995 | 1978–79 |
| बेस वैल्यू | 1000 | 100 |
| लोकप्रियता | नए ट्रेडर्स और F&O ट्रेडिंग में ज्यादा | पुराना और भरोसेमंद इंडेक्स |
| इंडेक्स का प्रकार | Broad-based Index (12+ सेक्टर्स) | Sector Representative Index |
🧠 आसान उदाहरण से समझें:
सोचिए शेयर बाजार एक क्लासरूम है।
उसमें हजारों छात्र (कंपनियां) हैं।
अब शिक्षक (बाजार) पूरे क्लास का परफॉर्मेंस देखना चाहता है — तो वो टॉप 30 या 50 स्टूडेंट्स का औसत निकालता है।यही औसत परफॉर्मेंस Sensex (30) और Nifty (50) कहलाता है।
📈 क्यों ज़रूरी है Nifty और Sensex को जानना?
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बाजार की दिशा पता चलती है – ऊपर जा रहा है या नीचे
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निवेश का मिज़ाज समझ में आता है – Bullish या Bearish
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Mutual Funds, SIPs, ETFs इन पर आधारित होते हैं
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Trading और Derivatives का आधार – Futures & Options में सबसे ज़्यादा Nifty और Bank Nifty में ट्रेडिंग होती है।
🎯 निष्कर्ष
| अगर आप शेयर मार्केट में शुरुआत कर रहे हैं, तो Nifty और Sensex को समझना पहला कदम है।
| ये दोनों इंडेक्स आपको बाजार की धड़कन बताते हैं – इससे ही तय होता है कि पैसा बन रहा है या बिगड़ रहा है।
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🙋 लेखक: राहुल कुमार
मैं एक पेशेवर स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर और डिजिटल क्रिएटर हूं। मेरा उद्देश्य है — शेयर मार्केट को आसान भाषा में समझाना।
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इंस्टाग्राम: 📲 @rahulkumar_invest

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