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share market me w pattern kya hota hai

शेयर बाजार में W पैटर्न: क्या है

परिचय

शेयर मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस के दौरान कई तरह के चार्ट पैटर्न का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से एक बहुत ही लोकप्रिय और विश्वसनीय पैटर्न है W Pattern। इस पैटर्न को "Double Bottom Pattern" भी कहा जाता है। यह पैटर्न अक्सर किसी स्टॉक या इंडेक्स की ट्रेंड रिवर्सल यानी गिरावट से तेजी की तरफ़ बदलाव को दर्शाता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि W Pattern क्या है, यह कैसे काम करता है और ट्रेडिंग में इसका इस्तेमाल कैसे करें। 
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अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं या एक अनुभवी ट्रेडर हैं, तो आपने अक्सर चार्ट्स पर अलग-अलग आकृतियाँ (पैटर्न्स) बनती हुई देखी होंगी। ये पैटर्न बाजार के रुख को समझने में मदद करते हैं। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण और विश्वसनीय पैटर्न है W पैटर्न, जिसे डबल बॉटम पैटर्न भी कहते हैं। यह पैटर्न अक्सर ट्रेडर्स को एक आने वाले बड़े बदलाव के बारे में बताता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम W पैटर्न को विस्तार से समझेंगे, इसके बनने के पीछे की मानसिकता जानेंगे और यह भी देखेंगे कि इसका उपयोग करके कैसे ट्रेडिंग की जा सकती है।

W Pattern क्या है?

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W Pattern एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है जो चार्ट पर अंग्रेजी अक्षर "W" की तरह दिखता है। यह तब बनता है जब किसी स्टॉक की कीमत लगातार गिरने के बाद दो बार सपोर्ट लेती है और बीच में हल्की सी रिकवरी दिखाती है। दूसरे सपोर्ट के बाद जब स्टॉक की कीमत ऊपर की ओर निकलती है, तब यह पैटर्न पूरा होता है।

W पैटर्न एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है, जिसका मतलब है कि यह बताता है कि गिरता हुआ बाजार (डाउनट्रेंड) अब ऊपर की ओर जा सकता है (अपट्रेंड)। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह चार्ट पर "W" अक्षर की तरह दिखाई देता है।

यह पैटर्न तब बनता है जब किसी स्टॉक की कीमत एक डाउनट्रेंड के बाद दो बार लगभग एक ही निचले स्तर (low) को छूती है, और फिर ऊपर की ओर बढ़ती है। ये दो निचले स्तर (दो "बॉटम") एक छोटे से ऊपरी स्तर (peak) से अलग होते हैं, जिसे नेकलाइन (Neckline) कहा जाता है।

इसे Double Bottom इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें प्राइस चार्ट पर दो लो (Low) बनते हैं जो लगभग एक ही स्तर पर होते हैं।



W पैटर्न के मुख्य घटक:

  1. पहला बॉटम (First Bottom): कीमत गिरना जारी रखती है और अपना पहला निचला स्तर बनाती है। इस समय बिकवाली (selling) अपने चरम पर होती है।

  2. मध्यवर्ती शिखर (Intermediate Peak): पहले बॉटम को छूने के बाद, कीमत थोड़ी ऊपर उठती है। यह दिखाता है कि कुछ खरीदार बाजार में आ रहे हैं।

  3. दूसरा बॉटम (Second Bottom): कीमत फिर से नीचे आती है, लेकिन इस बार यह पहले बॉटम के स्तर को तोड़ नहीं पाती और वहीं से वापस ऊपर जाती है। यह संकेत है कि बिकवाली का दबाव कम हो गया है और खरीदार मजबूत हो रहे हैं।

  4. नेकलाइन (Neckline): यह वह प्रतिरोध (resistance) स्तर है जो दोनों बॉटम्स के बीच में बनता है। यह W पैटर्न का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

W Pattern की मुख्य विशेषताएं

  1. दो लो पॉइंट:
    चार्ट पर दो बार कीमत एक ही स्तर पर गिरती है और वहीं से वापस उठती है।

  2. बीच में पीक:
    पहले लो के बाद कीमत थोड़ी ऊपर जाती है और एक पीक बनाती है।

  3. ब्रेकआउट पॉइंट:
    दूसरे लो के बाद जब कीमत पीक से ऊपर निकलती है, तब असली बुलिश ट्रेंड शुरू होता है।

  4. ट्रेंड रिवर्सल:
    यह पैटर्न अक्सर डाउनट्रेंड से अपट्रेंड की तरफ़ इशारा करता है।


W Pattern कैसे पहचानें?

  • Step 1: प्राइस चार्ट पर "W" का आकार देखें।

  • Step 2: दोनों लो लगभग बराबर या पास-पास होने चाहिए।

  • Step 3: पीक लाइन के ऊपर ब्रेकआउट का इंतजार करें।

  • Step 4: ब्रेकआउट के बाद वॉल्यूम में वृद्धि होनी चाहिए।


W Pattern का उपयोग कब करें?

  • जब किसी स्टॉक में लगातार गिरावट हो और आप रिवर्सल की तलाश में हों।

  • जब दूसरा लो बनने के बाद कीमत ऊपर की ओर ब्रेकआउट करे।

  • जब वॉल्यूम सपोर्ट करे और मार्केट सेंटिमेंट पॉजिटिव हो।


ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी

  1. एंट्री पॉइंट: ब्रेकआउट के बाद ही एंट्री करें।

  2. स्टॉप लॉस: दूसरा लो या उससे थोड़ा नीचे।

  3. टारगेट प्राइस: W पैटर्न की ऊंचाई के बराबर या उससे अधिक।


W Pattern के फायदे

  • ट्रेंड रिवर्सल की जल्दी पहचान।

  • सही समय पर एंट्री और एग्जिट करने में मदद।

  • लंबी अवधि के निवेशकों के लिए भी फायदेमंद।

W पैटर्न के पीछे की मानसिकता (Psychology)

इस पैटर्न के बनने के पीछे बाजार की भावनाओं का खेल होता है।

  • पहला बॉटम: बिकवाल हावी होते हैं और स्टॉक को नीचे धकेलते हैं। लेकिन इस निचले स्तर पर, कुछ लोग मानते हैं कि कीमत अब बहुत कम है और इसे खरीदने का अच्छा मौका है।

  • मध्यवर्ती शिखर: खरीदारों के आने से कीमत थोड़ी ऊपर जाती है।

  • दूसरा बॉटम: बिकवाल फिर से कीमत को नीचे लाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बार वे पहले के निचले स्तर को तोड़ नहीं पाते। यह दर्शाता है कि खरीदार अब अधिक शक्तिशाली हैं और वे इस स्तर पर स्टॉक को गिरने नहीं दे रहे हैं।

  • ब्रेकआउट: जब कीमत नेकलाइन को तोड़कर ऊपर जाती है, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि बाजार की दिशा अब बदल चुकी है। यह उन ट्रेडर्स के लिए एक निर्णायक संकेत होता है जो अपट्रेंड की शुरुआत का इंतजार कर रहे थे।

W पैटर्न का उपयोग करके ट्रेडिंग कैसे करें?

W पैटर्न का उपयोग करके ट्रेडिंग करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं:

  1. पैटर्न की पहचान करें: चार्ट पर एक डाउनट्रेंड के बाद W जैसी आकृति देखें, जिसमें दो लगभग बराबर के निचले स्तर हों।

  2. ब्रेकआउट का इंतजार करें: कभी भी W पैटर्न के बनते ही ट्रेड न करें। ट्रेड में तभी प्रवेश करें जब कीमत नेकलाइन को तोड़कर उसके ऊपर जाए और कुछ समय तक वहीं रहे। यह ब्रेकआउट का सबसे विश्वसनीय संकेत होता है। ब्रेकआउट के समय वॉल्यूम (volume) में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए, जो इस चाल की पुष्टि करता है।

  3. एंट्री प्वाइंट (Entry Point): नेकलाइन के ऊपर कीमत के बंद होने पर एंट्री लें।

  4. स्टॉप लॉस (Stop Loss): नुकसान को सीमित करने के लिए, स्टॉप लॉस को दूसरे बॉटम के ठीक नीचे रखें।

  5. टारगेट (Target): लक्ष्य (target) निर्धारित करने के लिए, नेकलाइन और सबसे निचले स्तर (low) के बीच की दूरी को मापें और उसे नेकलाइन के ब्रेकआउट प्वाइंट से ऊपर की तरफ प्रोजेक्ट करें।



निष्कर्ष

W Pattern शेयर मार्केट में ट्रेंड रिवर्सल का एक मजबूत संकेत देता है। अगर आप टेक्निकल एनालिसिस सीख रहे हैं तो इस पैटर्न को समझना और सही तरीके से इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। सही वॉल्यूम कन्फर्मेशन और ब्रेकआउट का इंतजार करना हमेशा फायदेमंद होता है।


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