Breaking News

शेयर मार्केट में लगने वाले चार्जेस

शेयर मार्केट में लगने वाले चार्जेस – निवेश से पहले जानना ज़रूरी है

Sub-head: ट्रेडिंग से पहले हर निवेशक को यह समझना चाहिए कि शेयर खरीदने-बेचने में कौन-कौन से चार्जेस लगते हैं।

Intro Paragraph:
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले सिर्फ़ शेयर चुनना ही काफी नहीं है, बल्कि यह भी समझना ज़रूरी है कि हर लेन-देन (Transaction) पर कई तरह के चार्जेस (Charges) लगते हैं। अक्सर नए निवेशक इन चार्जेस से अनजान रहते हैं और सोचते हैं कि उनका मुनाफ़ा क्यों कम हो रहा है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि शेयर मार्केट में कौन-कौन से चार्जेस लगते हैं और उनका आपके निवेश पर क्या असर पड़ता है। 

शेयर मार्केट में निवेश करना एक रोमांचक अनुभव हो सकता है, लेकिन इसमें कदम रखने से पहले, यह समझना बहुत ज़रूरी है कि आपके निवेश पर कौन-कौन से शुल्क (चार्जेस) लगते हैं। कई बार, छोटे-छोटे शुल्क मिलकर आपके लाभ (प्रॉफिट) को काफी कम कर सकते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट में लगने वाले सभी प्रमुख चार्जेस को विस्तार से समझेंगे।

Written by: Rahul Kumar
Date & Time: 03 September 2025, 06:30 AM
Follow Us: Money for Investment | शेयर मार्केट | निवेश सलाह


1. ब्रोकरेज चार्ज (Brokerage Charges)

जब आप शेयर खरीदते या बेचते हैं, तो आपके स्टॉकब्रोकर (जैसे Zerodha, Upstox, Angel One आदि) आपसे एक ब्रोकरेज फीस लेते हैं।

  • यह फीस या तो Fixed Per Order होती है (जैसे ₹20 प्रति ऑर्डर) या Percentage Basis पर (जैसे 0.1% प्रति ट्रेड)।

  • Delivery ट्रेड (लंबे समय के लिए शेयर रखना) और Intraday ट्रेड (एक ही दिन में खरीद-बिक्री) पर ब्रोकरेज अलग-अलग हो सकता है।

👉 ध्यान दें: अगर आप बार-बार ट्रेड करते हैं तो ब्रोकरेज चार्जेस आपके प्रॉफिट को काफी कम कर सकते हैं।


2. सिक्योरिटीज़ ट्रांजैक्शन टैक्स (STT)

सरकार हर शेयर लेन-देन पर STT लेती है।

  • Delivery में: खरीद और बेचते समय दोनों पर STT लगता है।

  • Intraday में: केवल बेचते समय STT लगता है।

उदाहरण: यदि आप ₹1,00,000 का Delivery ट्रेड करते हैं, तो आपको लगभग ₹100 (0.1%) STT देना होगा।


3. एक्सचेंज ट्रांजैक्शन चार्ज (Exchange Transaction Charges)

NSE और BSE अपने प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग कराने के बदले एक छोटा-सा चार्ज लेते हैं।

  • यह चार्ज आपके ब्रोकरेज स्लिप में अलग से दिखाई देता है।

  • NSE और BSE दोनों के रेट्स अलग-अलग हो सकते हैं।


4. SEBI टर्नओवर चार्ज (SEBI Turnover Charges)

SEBI (Security Exchange Board of India) हर ट्रेड पर 0.0001% का टर्नओवर चार्ज लेता है।
यह बहुत छोटा चार्ज है, लेकिन हर निवेशक को देना ही पड़ता है।


5. जीएसटी (GST – Goods & Services Tax)

आपके द्वारा दिए गए ब्रोकरेज और ट्रांजैक्शन चार्जेस पर 18% GST लगता है।
👉 यानी अगर ब्रोकरेज ₹100 है, तो उस पर ₹18 GST भी जुड़ जाएगा।


6. स्टाम्प ड्यूटी (Stamp Duty)

यह चार्ज शेयर खरीदते समय लगाया जाता है।

  • यह State Government Tax है, इसलिए हर राज्य का रेट थोड़ा अलग हो सकता है।

  • उदाहरण: Delivery ट्रेड पर लगभग 0.015% तक स्टाम्प ड्यूटी लग सकती है।


7. DP चार्ज (Depository Participant Charges)

जब आप अपने Demat Account से शेयर बेचते हैं, तो आपका Depository (NSDL या CDSL) एक DP चार्ज लेता है।

  • आमतौर पर यह ₹10 से ₹20 प्रति स्टॉक होता है।
    👉 यह चार्ज सिर्फ़ शेयर बेचते समय लगता है।


8. अन्य चार्जेस (Hidden or Miscellaneous Charges)

  • Call & Trade Charges (अगर आप ब्रोकरेर की हेल्पलाइन से ट्रेड करते हैं)।

  • AMC (Annual Maintenance Charges) – Demat अकाउंट को चलाने का सालाना खर्च।


Charges का असर समझिए (Example Calculation)

मान लीजिए आपने ₹1,00,000 का Delivery ट्रेड किया –

  • ब्रोकरेज: ₹20

  • STT: ₹100

  • Exchange Charges: ₹5

  • SEBI Charges: ₹0.10

  • GST: ₹18 (ब्रोकरेज+चार्ज पर)

  • स्टाम्प ड्यूटी: ₹15

👉 कुल चार्जेस = लगभग ₹158

यानी, यदि आपके ट्रेड में ₹500 का प्रॉफिट हुआ, तो नेट मुनाफ़ा ₹342 ही बचेगा।


निष्कर्ष (Conclusion)

शेयर मार्केट में सिर्फ़ सही स्टॉक चुनना ही काफी नहीं है, बल्कि हर ट्रेड में लगने वाले चार्जेस को समझना भी ज़रूरी है। नए निवेशक अक्सर इन चार्जेस को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और सोचते हैं कि उनका प्रॉफिट क्यों कम हो रहा है। इसलिए, निवेश से पहले चार्जेस की पूरी जानकारी लें और समझदारी से ट्रेड करें।


Related Topics:

  • शेयर मार्केट क्या है?

  • Intraday Trading vs Delivery Trading

  • स्टॉक मार्केट में जोखिम कैसे कम करें?


कोई टिप्पणी नहीं