Delta exchange
डेल्टा एक्सचेंज क्या है?
परिचय और पृष्ठभूमि
“Delta Exchange” एक क्रिप्टोकरेंसी डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म है, जो फ्यूचर्स (Futures), पर्मानेन्ट्स (Perpetual Swaps) और ऑप्शन्स (Options) ट्रेडिंग की सुविधा देता है। (Delta Exchange)
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| Delta exchange |
इसका उद्देश्य उन ट्रेडर्स को टूल्स देना है जो सिर्फ क्रिप्टो संपत्ति खरीदने/बेचने से आगे जाना चाहते हैं — यानी बाजार की दिशा पर, वोलैटिलिटी पर, हेजिंग पर आदि स्वरूपों में दांव लगाना। (BitDegree)
Delta Exchange को करीब वर्ष 2018 में स्थापित किया गया, और यह भारत सहित अन्य देशों में सक्रिय है। (LiquidityFinder)
खास बात यह है कि भारत के उपयोगकर्ताओं के लिए इसे INR (भारतीय रुपये) जमा और निकासी विकल्प भी प्रदान करता है (कुछ सीमाओं और नियमों के अधीन) — इस कारण यह भारतीय क्रिप्टो ट्रेडर्स के बीच लोकप्रिय हुआ है। (Apple)
लेकिन जैसे हर प्लेटफ़ॉर्म—विशेष रूप से डेरिवेटिव्स क्षेत्र में—इसके अपने फायदे और चुनौतियाँ हैं। आइए विस्तार से देखता हूँ।
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| Delta exchange |
क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया लगातार विकसित हो रही है, और इस विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग। जहां बिटकॉइन और एथेरियम जैसे कॉइन को सीधे खरीदना और बेचना एक आम बात है, वहीं वायदा (फ्यूचर्स), ऑप्शंस (विकल्प), और परपेचुअल स्वैप जैसे जटिल वित्तीय साधनों का व्यापार करने के लिए विशेष प्लेटफॉर्म की आवश्यकता होती है। डेल्टा एक्सचेंज (Delta Exchange) इसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए बनाया गया एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज है। यह उन व्यापारियों को लक्षित करता है जो लीवरेज और हेजिंग रणनीतियों का उपयोग करके अपनी ट्रेडिंग क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं। यह ब्लॉग पोस्ट डेल्टा एक्सचेंज के इतिहास, इसकी प्रमुख विशेषताओं, सेवाओं, सुरक्षा उपायों और यह अन्य एक्सचेंजों से कैसे अलग है, इस पर एक विस्तृत नज़र डालेगा।
डेल्टा एक्सचेंज क्या है?
डेल्टा एक्सचेंज एक केंद्रीकृत (सेंट्रलाइज्ड) क्रिप्टोकरेंसी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज है जो निवेशकों और व्यापारियों को क्रिप्टोकरेंसी पर आधारित वायदा (फ्यूचर्स), ऑप्शंस (विकल्प) और परपेचुअल स्वैप जैसे जटिल वित्तीय उपकरणों का व्यापार करने की अनुमति देता है। इसकी स्थापना 2018 में अनुभवी वित्तीय पेशेवरों और प्रौद्योगिकीविदों द्वारा की गई थी। डेल्टा एक्सचेंज का मुख्य फोकस उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफ़ेस, कम ट्रेडिंग शुल्क और उच्च सुरक्षा प्रदान करके डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग को सुलभ बनाना है।
जहां कई अन्य एक्सचेंज केवल स्पॉट ट्रेडिंग (सीधे क्रिप्टोकरेंसी खरीदना और बेचना) पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वहीं डेल्टा एक्सचेंज विशेष रूप से डेरिवेटिव्स पर केंद्रित है। यह अपने उपयोगकर्ताओं को 100x तक का लीवरेज प्रदान करता है, जिससे वे छोटी पूंजी के साथ भी बड़ी स्थिति (पोजिशन) ले सकते हैं। हालांकि, लीवरेज का उपयोग जोखिम को काफी बढ़ा देता है, इसलिए यह अनुभवी व्यापारियों के लिए अधिक उपयुक्त है।
हाल ही में, डेल्टा एक्सचेंज ने भारत में वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) के साथ पंजीकरण कराया है, जो इसे भारत में कानूनी रूप से संचालित करने की अनुमति देता है। यह कदम पारदर्शिता और उपयोगकर्ता सुरक्षा के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे भारतीय उपयोगकर्ताओं का विश्वास बढ़ता है।
मुख्य उत्पाद एवं सुविधाएँ
1. फ्यूचर्स (Futures) एवं पर्मानेन्ट्स (Perpetual Swaps)
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Delta Exchange विभिन्न क्रिप्टो परिसंपत्तियों (Bitcoin, Ethereum, अन्य Altcoins) पर फ्यूचर्स और पर्मानेन्ट कॉन्ट्रैक्ट्स उपलब्ध कराता है। (Delta Exchange)
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पर्मानेन्ट स्वैप (Perpetual) वो कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जिनकी समाप्ति (expiry) नहीं होती — यह अधिकतर डेरिवेटिव्स प्लेटफार्मों का लोकप्रिय उत्पाद है क्योंकि यह लगातार ट्रेडिंग की सुविधा देता है। (Delta Exchange)
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अधिकतम लीवरेज (leverage) आमतौर पर 100× तक दिया जाता है — यानी यदि आप 1× पूँजी लगाते हैं, तो आप 100× पोजीशन तक ले सकते हैं। (LiquidityFinder)
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लीवरेज का लाभ है — आपकी संभावित मुनाफा बहुत बढ़ सकती है — लेकिन जोखिम भी उसी अनुपात में बढ़ जाता है। यदि कीमत आपकी दिशा के विपरीत जाए, तो आपकी पोजीशन लिक्विडेट हो सकती है।
2. ऑप्शन्स (Options)
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Delta Exchange “यूरोपीय शैली” (European style) ऑप्शन्स (call और put) प्रदान करता है — इसका मतलब है कि आप ऑप्शन को केवल समाप्ति (expiry) पर ही एक्सरसाइज कर सकते हैं, इंटरमीडियेट एक्सरसाइज नहीं कर सकते (unlike American options)। (Delta Exchange)
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ऑप्शन्स की विभिन्न अवधि (daily, weekly, monthly expiry) उपलब्ध होती हैं — इससे ट्रेडर्स को अपनी समय की पसंद पर रणनीति बनाने की लचीलापन मिलती है। (Apple)
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इसके विशेष प्रकार के ऑप्शन spread contracts (call spread, put spread) और MOVE (straddle) कॉन्ट्रैक्ट्स भी उपलब्ध हैं, जिससे बेहतर मार्जिन उपयोग और रणनीति निर्माण की सुविधा मिलती है। (Apple)
3. Trackers (ट्रैकर कॉन्ट्रैक्ट्स)
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हाल ही में Delta ने “Trackers” नामक एक नया उत्पाद लॉन्च किया है, जो एक non-leveraged derivative contract है — यह स्पॉट (spot) की तरह मूल्य परिवर्तन को ट्रैक करता है, लेकिन उसे पूरी तरह क्रिप्टो संपत्ति के रूप में नहीं रखा जाता। (Crypto Briefing)
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ट्रैकर में शॉर्ट पोजीशन लेने की सुविधा नहीं होती — केवल लॉन्ग (long) दिशा में ले सकते हैं। (Crypto Briefing)
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ट्रैडर्स को असेट की कीमत पर साधारण एक्सपोज़र मिलता है, बगैर लीवरेज जटिलताओं, मार्जिन कॉल या लिक्विडेशन के। (Crypto Briefing)
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लेकिन यदि आप कॉन्ट्रैक्ट को एक दिन से अधिक होल्ड करते हैं, तो होल्डिंग फीस (daily holding fee) देना पड़ सकता है। (Crypto Briefing)
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ट्रेडिंग कमीशन आमतौर पर ~0.05% है, और होल्डिंग शुल्क अतिरिक्त। (Crypto Briefing)
4. अन्य सुविधाएँ
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Strategy Builder: उपयोगकर्ता जटिल रणनीति (options spreads, मल्टी-लेग ऑर्डर्स) को सहजता से बना सकते हैं। (Apple)
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Basket Orders: एक साथ कई ऑर्डर्स देना, जिससे समय और मार्जिन का बेहतर उपयोग संभव हो। (Apple)
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Robo / Algo Trading / APIs: Delta API सपोर्ट करता है ताकि उपयोगकर्ता ऑटो ट्रेडिंग रणनीतियाँ बना सकें। (AlgoTest)
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Demo / Testnet Environment: नए उपयोगकर्ताओं को बिना जोखिम के अभ्यास करने की सुविधा। (BitDegree)
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INR Settlement: भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए INR जमा और निकासी सुविधा, ताकि क्रिप्टो ↔ फ़िएट (Rupee) लेनदेन सहज हों। (Apple)
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Small Lot Sizes: BTC/ETH कॉन्ट्रैक्ट्स को छोटे लॉट साइज में ट्रेड किया जा सके — जिससे कम पूँजी वाले ट्रेडर्स भी प्रवेश कर सकते हैं। (Apple)
शुल्क संरचना (Fees & Costs)
कोई भी ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म व्यापार से जुड़ी लागतों को छुपा नहीं सकता — Delta Exchange भी विभिन्न प्रकार की फीस लेता है। ये शुल्क सीधे आपकी कमाई और हानि को प्रभावित करते हैं।
| प्रकार | विवरण / दर (लगभग) | टिप्पणी |
|---|---|---|
| Maker Fee | ~ 0.02% | आपके ऑर्डर से लाइकन (liquidity) प्रदान किया हो |
| Taker Fee | ~ 0.05% | जब आप मार्केट ऑर्डर लेते हैं या ऑर्डर तुरंत मैच होता है |
| होल्डिंग शुल्क (Trackers) | ~ 0.03% प्रति दिन (यदि होल्ड किया जाए) | यदि आपने tracker कॉन्ट्रैक्ट को एक्सपायरी से पहले होल्ड किया |
| अन्य शुल्क (लेनदेन, निकासी आदि) | विविधता | निकासी शुल्क, नेटवर्क फीस आदि हो सकती है (Crypto network fees वगैरह) |
ध्यान दें कि ये शुल्क प्लेटफ़ॉर्म की VIP स्तर, ट्रेडिंग वॉल्यूम, या विशेष ऑफ़र्स के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। (AlgoTest)
कुछ उपयोगकर्ताओं की शिकायत रही है कि शुल्क अपेक्षाकृत अधिक हैं, विशेषकर जब आप ऑप्शन स्ट्रेटेजी जैसे “multileg trades” करते हैं, क्योंकि प्रत्येक लेग पर शुल्क लगता है। (Reddit)
इसी कारण से कुछ ट्रेडर्स कहते हैं:
“Most strategies that you use in stock, index options aren't feasible here due to extremely high fees … So only strategy that works here is take short time period positions with 25X leverage…” (Reddit)
इसका मतलब यह है कि यदि आप लंबे समय तक या जटिल ऑप्शन रणनीति अपनाना चाहते हैं, तो शुल्क का बोझ बड़ा हो सकता है।
सुरक्षा, विश्वसनीयता और जोखिम
सुरक्षा उपाय एवं संरचना
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Delta Exchange ने यह दावा किया है कि उसने multi-sig wallets, cold storage, और “bank-like” सुरक्षा उपाय लागू किए हैं। (YourCryptoLibrary)
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सभी खातों में 2FA (दो-कारक प्रमाणीकरण) सक्षम करना अनिवार्य है, ताकि एक्सेस सुरक्षा मजबूत हो। (YourCryptoLibrary)
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प्लेटफ़ॉर्म द्वारा नियमित रूप से सुरक्षा ऑडिट किए जाने का दावा है। (Live Bitcoin News)
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अब तक सार्वजनिक रूप से यह ज्ञात नहीं है कि Delta Exchange किसी बड़े हैक या धन हानि का शिकार हुआ हो। (YourCryptoLibrary)
इन उपायों से यह लगता है कि प्लेटफ़ॉर्म सुरक्षा को गंभीरता से लेता है — लेकिन “हार्डवेयर स्तर” की हमले, स्मार्ट कंट्रैक्ट दोष (यदि कोई हो), आंतरिक धोखाधड़ी आदि खतरों को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता।
जोखिम एवं उपयोगकर्ता अनुभव की समस्याएँ
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लिक्विडेशन जोखिम: लीवरेज पोजीशन लेने पर यदि बाजार आपके खिलाफ जाए, तो आपकी पोजीशन लिक्विडेट हो सकती है — और कभी-कभी यह अपेक्षित स्तर से पहले भी हो जाती है — उपयोगकर्ता शिकायत करते हैं कि स्टॉप लॉस (stop loss) ठीक तरह से काम नहीं हुआ। (Trustpilot)
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समर्थन (Customer Support) की शिकायतें: कई उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की है कि सहायता (support) प्रतिक्रिया धीमी है, या मुद्दों को समय पर हल नहीं करती। (Trustpilot)
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विश्वसनीयता का प्रश्न: कुछ उपयोगकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि प्लेटफ़ॉर्म ने लाभदायक पोजीशन को अपेक्षित समय से पहले बंद किया। (Trustpilot)
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क्षेत्रीय (Regional) निषेध: कुछ देशों (जैसे अमेरिका) में Delta Exchange समर्थित नहीं है। (BitDegree)
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उपयोगी अनुभव (UX) की जटिलता: डेरिवेटिव्स प्लेटफ़ॉर्म परिचित नहीं होने वालों के लिए शुरुआत में जटिल लग सकते हैं — ऑप्शन्स, स्ट्रैटेजी, मार्जिन प्रबंधन आदि सभी पर ध्यान देना पड़ता है।
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फीस और लागत: जैसा कहा गया, शुल्क कई लेनदेन पर लगता है — यदि आप कई लेग्स ऑप्शन स्ट्रेटेजी करते हैं, तो शुल्क बढ़ सकते हैं।
उपयोग कैसे करें — शुरुआती से लेकर उन्नत
पंजीकरण एवं KYC (Know Your Customer)
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साइन अप / खाता बनाना: वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाएँ और नया खाता बनाएं। (Live Bitcoin News)
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KYC / पहचान सत्यापन: पहचान दस्तावेज़ जमा करना होगा (पैन कार्ड, आधार, पासपोर्ट इत्यादि) ताकि आप जमा, ट्रेडिंग और निकासी कर सकें। (BitDegree)
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INR जमा (Deposit): यदि आप भारतीय हैं, तो INR जमा करना संभव है (यदि आप भारत स्थित हैं और आपके बैंक सीमाएँ और नियम अनुमति देते हैं)। (Apple)
ध्यान दें: प्लेटफ़ॉर्म की नीति बदल सकती है, इसलिए हमेशा आधिकारिक दस्तावेज़ देखें।
ट्रेडिंग शुरू करना
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ट्रेडिंग मार्केट चुनें — Futures, Perpetual, Options या Trackers
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मार्जिन सेटिंग करें — Cross-margin या Isolated margin आदि, यदि उपलब्ध हो
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ऑर्डर प्रकार चुनें — Limit, Market, Stop, Bracket आदि
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स्टॉप लॉस / टार्गेट सेट करें — जोखिम प्रबंधन आवश्यक है
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पोजीशन खोलें
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नियंत्रण और बंद करना — समय-समय पर मार्केट देखें और यदि लक्ष्य या स्टॉप लॉस पहुंचे हों तो बंद करें
रणनीति विचार
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यदि आप ऑप्शन्स ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो स्ट्रेटेजी जैसे Spreads, Straddles, Strangles आदि को ट्रैक करना होगा
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लीवरेज का उपयोग कम करें — शुरुआती स्तर पर 5×, 10× या 20× जैसी कम लीवरेज लेना सुरक्षित विकल्प हो सकता है
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Trackers उन लोगों के लिए बेहतर हैं जो बिना लीवरेज जटिलता के एक्सपोज़र लेना चाहते हैं
तुलनात्मक विश्लेषण: Delta Exchange बनाम अन्य प्लेटफ़ॉर्म
Binance / Bybit / Deribit आदि
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ये प्लेटफ़ॉर्म स्पॉट + डेरिवेटिव्स दोनों में मजबूत हैं, और वॉल्यूम बहुत अधिक है
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शुल्क और तरलता (liquidity) अक्सर Delta की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी हो सकती है
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लेकिन ये प्लेटफ़ॉर्म INR जमा/निकासी समर्थन कम देते हैं — विशेष रूप से भारत में
मुख्य तुलनात्मक बिंदु
| मापदंड | Delta Exchange की स्थिति | अन्य प्लेटफ़ॉर्म (Binance, Bybit आदि) |
|---|---|---|
| INR जमा/निकासी | समर्थित (भारत उपयोगकर्ताओं के लिए) | अक्सर नहीं, USDT आदि कॉइन आधारित |
| डेरिवेटिव्स विकल्प | Futures, Options, Trackers, स्प्रेड इत्यादि | अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म भी समान उत्पाद देते हैं |
| शुल्क & मार्जिन | कुछ लेनदेन और ऑप्शन स्ट्रेटेजी में शुल्क भारी हो सकते हैं | बड़े प्लेयर्स के लिए VIP शुल्क कम हो सकते हैं |
| सुरक्षा | मजबूत सुरक्षा उपाय – लेकिन कोई सार्वजनिक हेक नहीं जाना | कई प्लेटफ़ॉर्म भी उच्च सुरक्षा उपाय रखते हैं; लेकिन history of hacks भी है |
| उपयोगकर्ता आधार & वॉल्यूम | मध्यम से उच्च | अधिक तरलता और बड़े ट्रेडर्स |
इसलिए, यदि आप भारतीय हैं और INR-निर्भरता की सुविधा चाहते हैं, तो Delta एक अच्छे विकल्प हो सकता है। लेकिन यदि आप बहुत बड़े वॉल्यूम के साथ वैश्विक तरलता चाहते हैं, अन्य प्लेटफ़ॉर्म बेहतर हो सकते हैं।
फायदे (Pros) और सीमाएँ (Cons)
फ़ायदे
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INR समर्थन — भारत के उपयोगकर्ताओं को Fiat कन्वर्ज़न की झंझट कम
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उन्नत डेरिवेटिव्स टूल्स — Strategy Builder, Basket Orders, Robo / API सपोर्ट
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Trackers का नवाचारी उत्पाद — बगैर लीवरेज जटिलताओं के एक्सपोज़र लेने का विकल्प
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छोटे लॉट साइज — कम पूँजी वाले उपयोगकर्ताओं को प्रवेश की सुविधा
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सुरक्षा उपाय — multi-sig, cold storage, 2FA आदि
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डेमो / टेस्टनेट — शुरुआत करने वालों के लिए जोखिममुक्त अभ्यास का मौका
सीमाएँ / चुनौतियाँ
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शुल्क कई लेनदेन पर लगना — विशेष रूप से ऑप्शन्स ट्रिक्स
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उपयोगकर्ता समर्थन (customer support) की शिकायतें
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स्टॉप लॉस / ऑर्डर निष्पादन में अनुकूलता की समस्याएँ
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क्षेत्रीय प्रतिबंध – कुछ देशों में उपयोग संभव नहीं
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डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग inherently risky — प्रमुख नुकसान संभव
निष्कर्ष और सुझाव
Delta Exchange एक दिलचस्प और शक्तिशाली मंच है, विशेष रूप से उन उपयोगकर्ताओं के लिए जो क्रिप्टो डेरिवेटिव्स में गहराई से प्रवेश करना चाहते हैं और साथ ही भारत से जुड़े हैं। इसकी प्रमुख विशेषताएँ जैसे INR समर्थन, ट्रैकर उत्पाद, रणनीति निर्माण टूल्स इत्यादि इसे अन्य विकल्पों से अलग करते हैं।
लेकिन यह कोई “सुपर सरल” प्लेटफ़ॉर्म नहीं है — खासकर यदि आप डेरिवेटिव्स, ऑप्शन्स, लीवरेज आदि से अपरिचित हैं। शुल्कों, जोखिमों और प्लेटफ़ॉर्म की विश्वसनीयता पर अच्छी तरह विचार करना अनिवार्य है।
यदि मैं कुछ सुझाव दूँ:
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शुरुआत में कम लीवरेज का उपयोग करें।
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स्टॉप लॉस और जोखिम प्रबंधन को प्राथमिकता दें।
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पहले डेमो / टेस्टनेट पर अभ्यास करें।
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नियमित रूप से समाचार, प्लेटफ़ॉर्म अपडेट, सुरक्षा घोषणाएँ देखें।
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यदि संभव हो, अधिक विविध प्लेटफ़ॉर्म (Binance, Bybit, Deribit आदि) भी उपयोग करें, ताकि तुलना बनी रहे।



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