pivot points indicator

 Pivot Points Indicator: स्टॉक मार्केट में सटीक एंट्री और एग्जिट का एक पावरफुल टूल

Written by: Rahul Kumar
Date: 18 October 2025
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📊 परिचय (Introduction)

Pivot Points Indicator स्टॉक मार्केट का एक बहुत ही लोकप्रिय और पावरफुल ट्रेडिंग टूल है, जिसका इस्तेमाल प्रोफेशनल ट्रेडर्स से लेकर नए इन्वेस्टर्स तक करते हैं। Pivot Points का मुख्य उद्देश्य होता है – मार्केट के संभावित सपोर्ट और रेसिस्टेंस लेवल (Support & Resistance) को पहचानना। यह इंडिकेटर खासकर Intraday Trading में बहुत उपयोगी माना जाता है क्योंकि यह ट्रेडर्स को मार्केट में Entry और Exit के लिए सटीक संकेत (Signal) देता है।

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शेयर बाज़ार या कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग करते समय, सही एंट्री (Entry) और एग्जिट (Exit) पॉइंट ढूँढना सफलता की कुंजी है। तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) के कई टूल हैं जो ट्रेडर्स को इसमें मदद करते हैं, और उनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला इंडिकेटर है पिवट पॉइंट्स (Pivot Points)। यह इंडिकेटर खासकर इंट्राडे ट्रेडर्स (Intraday Traders) के लिए वरदान साबित होता है। आइए, इस शक्तिशाली उपकरण की गहराई को समझते हैं।

अगर आप मार्केट में प्रॉफिट कमाना चाहते हैं और एक बेहतर स्ट्रेटेजी बनाना चाहते हैं, तो Pivot Points Indicator को समझना बहुत ज़रूरी है।


🧮 Pivot Points Indicator क्या होता है?

Pivot Point एक गणितीय कैलकुलेशन पर आधारित इंडिकेटर है, जो पिछले दिन के High, Low और Closing Price के आधार पर अगले दिन के लिए मुख्य लेवल (Key Levels) तैयार करता है।

इन लेवल्स के आधार पर ट्रेडर्स को अंदाज़ा होता है कि मार्केट ऊपर जा सकती है या नीचे — और किस प्राइस पर सपोर्ट या रेसिस्टेंस मिल सकता है। पिवट पॉइंट एक तकनीकी विश्लेषण संकेतक (Technical Analysis Indicator) है जो पिछले ट्रेडिंग सत्र (Previous Trading Session) के उच्च (High), निम्न (Low) और समापन (Closing) मूल्यों के औसत (Average) से गणना किया जाता है। यह एक ऐसा स्तर (Level) है जो वर्तमान ट्रेडिंग सत्र के लिए संभावित समर्थन (Support) और प्रतिरोध (Resistance) क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करता है।

आमतौर पर, पिवट पॉइंट इंडिकेटर चार्ट पर सात स्तरों को प्रदर्शित करता है:

  1. मुख्य पिवट पॉइंट (P)

  2. तीन प्रतिरोध स्तर (Resistance Levels): R1, R2, R3

  3. तीन समर्थन स्तर (Support Levels): S1, S2, S3

ये स्तर ट्रेडर को यह अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि कीमत कहाँ तक जा सकती है, कहाँ पलट सकती है (Reversal) या कहाँ से ब्रेकआउट (Breakout) कर सकती है।


📈 Pivot Points की Calculation कैसे होती है?

(Calculation of Pivot Point)

सबसे आम और क्लासिक गणना विधि (Classic Calculation Method) पिछले दिन के डेटा का उपयोग करती है।

मुख्य पिवट पॉइंट (P) का सूत्र:

$$P = \frac{(\text{पिछला दिन का High} + \text{पिछला दिन का Low} + \text{पिछला दिन का Close})}{3}$$

एक बार मुख्य पिवट पॉइंट ($P$) की गणना हो जाने के बाद, संबंधित समर्थन और प्रतिरोध स्तरों की गणना निम्न प्रकार से की जाती है:

  • पहला प्रतिरोध स्तर (R1): $R1 = (2 \times P) - \text{Low}$

  • पहला समर्थन स्तर (S1): $S1 = (2 \times P) - \text{High}$

  • दूसरा प्रतिरोध स्तर (R2): $R2 = P + (\text{High} - \text{Low})$

  • दूसरा समर्थन स्तर (S2): $S2 = P - (\text{High} - \text{Low})$

  • तीसरा प्रतिरोध स्तर (R3): $R3 = \text{High} + 2 \times (P - \text{Low})$

  • तीसरा समर्थन स्तर (S3): $S3 = \text{Low} - 2 \times (\text{High} - P)$

Pivot Point (P) = (High + Low + Close) ÷ 3

इसके बाद इस Pivot Point के आधार पर Resistance और Support Level बनते हैं:

  • R1 (Resistance 1) = (2 × P) – Low

  • S1 (Support 1) = (2 × P) – High

  • R2 (Resistance 2) = P + (High – Low)

  • S2 (Support 2) = P – (High – Low)

  • R3 (Resistance 3) = High + 2 × (P – Low)

  • S3 (Support 3) = Low – 2 × (High – P)

👉 ये लेवल्स चार्ट पर लाइन के रूप में दिखाई देते हैं, और इन्हीं पर ट्रेडिंग के फैसले लिए जाते हैं।


💹 Pivot Points कैसे काम करता है?

Pivot Points पिछले दिन के ट्रेंड और प्राइस एक्शन को ध्यान में रखकर अगले दिन के लिए संभावित ट्रेंड की दिशा बताता है।

  • अगर प्राइस Pivot Point के ऊपर ट्रेड कर रही हो, तो मार्केट में बुलिशनेस (Uptrend) मानी जाती है।

  • अगर प्राइस Pivot Point के नीचे ट्रेड कर रही हो, तो मार्केट में बेरिशनेस (Downtrend) मानी जाती है।

  • R1, R2, R3 को रेसिस्टेंस लेवल माना जाता है।

  • S1, S2, S3 को सपोर्ट लेवल माना जाता है।

➡️ जब मार्केट सपोर्ट लेवल पर आती है, तो यहां से बाउंस बैक की संभावना रहती है।
➡️ जब मार्केट रेसिस्टेंस लेवल को तोड़ती है, तो ब्रेकआउट की संभावना बनती है।

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🧠 Intraday Trading में Pivot Points का उपयोग

Intraday Traders Pivot Points को एक मजबूत Decision Making Tool की तरह इस्तेमाल करते हैं।

पिवट पॉइंट्स को ट्रेडिंग में महत्वपूर्ण मानने के कई कारण हैं:

  • ट्रेंड की पहचान: यदि किसी परिसंपत्ति (Asset) की कीमत मुख्य पिवट पॉइंट (P) से ऊपर ट्रेड कर रही है, तो यह आमतौर पर तेजी (Bullish) के रुझान का संकेत है। इसके विपरीत, यदि कीमत P से नीचे ट्रेड कर रही है, तो यह मंदी (Bearish) के रुझान का संकेत है।

  • स्थिर स्तर: अन्य संकेतकों (Indicators) के विपरीत, पिवट पॉइंट्स के स्तर पूरे दिन के लिए स्थिर (Fixed) रहते हैं। इससे ट्रेडर को अपने ट्रेडिंग प्लान को पहले से तैयार करने में आसानी होती है।

  • व्यापक उपयोग: यह इंडिकेटर दुनियाभर के ट्रेडर्स द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, जिससे यह एक सेल्फ-फुलफिलिंग प्रेडिक्शन (Self-Fulfilling Prediction) की तरह काम करता है। जब बड़ी संख्या में ट्रेडर एक ही स्तर पर प्रतिक्रिया करते हैं, तो उस स्तर के प्रभावी होने की संभावना बढ़ जाती है।

  • इंट्राडे के लिए सर्वश्रेष्ठ: चूंकि पिवट पॉइंट्स की गणना दैनिक डेटा पर आधारित होती है, इसलिए वे इंट्राडे ट्रेडिंग और छोटे टाइम फ्रेम (जैसे 5 मिनट या 15 मिनट) के लिए विशेष रूप से उपयोगी होते हैं।

👉 Entry Signal:

  • जब प्राइस Pivot Point के ऊपर जाए और वॉल्यूम भी बढ़े तो Buy Signal

  • जब प्राइस Pivot Point के नीचे जाए तो Sell Signal

👉 Stop Loss और Target:

  • Entry के बाद नज़दीकी सपोर्ट या रेसिस्टेंस को Stop Loss और Target की तरह इस्तेमाल किया जाता है।

  • इससे Risk Management आसान हो जाता है।

👉 Confirmation के लिए:
Pivot Points को अन्य इंडिकेटर्स जैसे RSI, Moving Average, Super Trend के साथ मिलाकर और भी ज़्यादा सटीक Signal लिया जा सकता है।


📊 Pivot Points के प्रकार (Types of Pivot Points)

  1. Standard Pivot Points:

    • सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला प्रकार।

    • High, Low और Close पर आधारित होता है।

  2. Fibonacci Pivot Points:

    • इसमें Fibonacci Retracement लेवल का उपयोग होता है।

    • ट्रेडर्स के लिए और भी सटीक लेवल प्रदान करता है।

  3. Camarilla Pivot Points:

    • इसमें सपोर्ट और रेसिस्टेंस के 4 लेवल होते हैं।

    • Short Term Traders के लिए बहुत उपयोगी।

  4. Woodie’s Pivot Points:

    • इसमें Close प्राइस को ज़्यादा महत्व दिया जाता है।

    • Momentum Trading में काफी कारगर होता है।


📉 Pivot Points के फायदे (Advantages)

  • 📍 मार्केट के सपोर्ट और रेसिस्टेंस लेवल को आसानी से पहचान सकते हैं।

  • ⏳ Intraday Trading में Entry और Exit के लिए सही समय तय करने में मदद।

  • 🧭 Risk Management आसान होता है।

  • ⚡ Market Trend को पहले से पकड़ने में मदद।

  • 🔁 Short Term और Swing Trading में भी उपयोगी।


⚠️ Pivot Points की कुछ सीमाएं (Limitations)

  • केवल Pivot Points पर ट्रेडिंग करना जोखिम भरा हो सकता है।

  • ये लेवल हर बार 100% Accurate नहीं होते।

  • Volatile मार्केट में Fake Breakouts हो सकते हैं।
    👉 इसलिए इसे अन्य इंडिकेटर्स और प्राइस एक्शन के साथ मिलाकर ही इस्तेमाल करें।


🧭 Best Strategy with Pivot Points

  1. Pivot Point और R1/S1 को ध्यान में रखते हुए ट्रेड करें।

  2. Entry के बाद Stop Loss को सपोर्ट/रेसिस्टेंस के नीचे लगाएं।

  3. RSI या Moving Average से Confirmation लें।

  4. Volume का ज़रूर ध्यान रखें।

  5. Breakout या Reversal पर नज़र रखें।


📊 Example:

मान लीजिए किसी स्टॉक का

  • High = ₹110

  • Low = ₹100

  • Close = ₹105

तो,
P = (110 + 100 + 105) ÷ 3 = ₹105
R1 = (2 × 105) – 100 = ₹110
S1 = (2 × 105) – 110 = ₹100

👉 इसका मतलब हुआ — Pivot Point ₹105 है, Resistance ₹110 और Support ₹100।
अगर प्राइस ₹105 के ऊपर जाती है तो Buy Signal और नीचे जाती है तो Sell Signal।


निष्कर्ष (Conclusion)

Pivot Points Indicator एक सिंपल लेकिन बहुत पावरफुल टूल है। यह न सिर्फ ट्रेडिंग के लिए एक सही दिशा देता है, बल्कि Risk Management और Trend Identification में भी मदद करता है। लेकिन याद रखें — किसी भी Indicator पर पूरी तरह निर्भर रहना ठीक नहीं होता। इसे अन्य टूल्स के साथ मिलाकर ही उपयोग करें ताकि आपकी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी मज़बूत बन सके।


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