Stop Loss

🧠 स्मार्ट स्टॉप लॉस (Smart Stop Loss) क्या है? समझिए आसान भाषा में!

✍️ Written by: राहुल कुमार
📅 Date: 08 अक्टूबर 2025 | 🕒 Time: 10:00 AM
📍 Source: Money for Investment | शेयर मार्केट | निवेश सलाह


🔹 इंट्रोडक्शन (Introduction)

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय सबसे बड़ी चुनौती होती है जोखिम (Risk) को कंट्रोल करना। बहुत से नए ट्रेडर मुनाफ़े पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन नुकसान को सीमित करने की रणनीति नहीं बनाते। यहीं पर आता है एक स्मार्ट टूल — Smart Stop Loss, जो आपकी पूंजी (Capital) की सुरक्षा करता है और भावनात्मक ट्रेडिंग (Emotional Trading) से बचाता है।

Stop Loss


🔹 स्टॉप लॉस (Stop Loss) क्या होता है?

स्टॉप लॉस एक ऐसा ऑर्डर होता है जिसे आप अपने ट्रेड के साथ सेट करते हैं ताकि यदि शेयर की कीमत आपके खिलाफ जाए, तो वह ऑटोमेटिकली बेच दिया जाए और बड़ा नुकसान होने से पहले ही ट्रेड बंद हो जाए।

उदाहरण के लिए:
अगर आपने TCS का शेयर ₹4000 पर खरीदा और ₹3960 पर स्टॉप लॉस लगाया, तो जैसे ही प्राइस ₹3960 पर आएगी, आपका शेयर ऑटोमेटिकली बेच दिया जाएगा।

इससे आपका नुकसान सिर्फ ₹40 तक सीमित रहेगा।


🔹 अब जानिए — Smart Stop Loss क्या होता है?

Smart Stop Loss एक एडवांस्ड ट्रेडिंग टूल है जो मार्केट की मूवमेंट के अनुसार अपने आप एडजस्ट होता रहता है। यानी अगर शेयर की कीमत बढ़ती है, तो यह स्टॉप लॉस को ऊपर की ओर खिसका देता है, जिससे आपका प्रॉफिट लॉक हो जाता है।

इसे अक्सर Trailing Stop Loss या Dynamic Stop Loss भी कहा जाता है।

👉 उदाहरण:
आपने ₹100 पर स्टॉक खरीदा और ₹95 पर स्टॉप लॉस लगाया। अगर प्राइस ₹110 तक चली जाती है और आपने ₹5 का ट्रेल सेट किया है, तो आपका नया स्टॉप लॉस ₹105 हो जाएगा।
अगर प्राइस ₹120 पहुंचती है, तो स्टॉप लॉस ₹115 तक बढ़ जाएगा — इस तरह आपका मुनाफा सुरक्षित रहेगा।


🔹 Smart Stop Loss के प्रकार

  1. Fixed Stop Loss: एक बार सेट करने के बाद नहीं बदलता।

  2. Trailing Stop Loss: शेयर के ऊपर जाने पर स्टॉप लॉस ऊपर शिफ्ट होता रहता है।

  3. Volatility-based Stop Loss: मार्केट की अस्थिरता (volatility) के अनुसार बदलता है।

  4. Percentage-based Stop Loss: एंट्री प्राइस से तय प्रतिशत पर आधारित होता है।


🔹 Smart Stop Loss के फायदे (Benefits)

Emotional Trading से बचाव: बिना डर या लालच के ट्रेडिंग करने में मदद करता है।
Capital Protection: नुकसान को सीमित रखता है।
Profit Locking: ट्रेलिंग स्टॉप लॉस से प्रॉफिट सुरक्षित होता है।
Automatic Control: हर बार स्क्रीन देखने की ज़रूरत नहीं रहती।
Better Risk Management: हर ट्रेड में तय जोखिम के साथ काम करने में मदद करता है।


🔹 Smart Stop Loss कैसे सेट करें? (Practical Tips)

  1. ATR (Average True Range) इंडिकेटर का उपयोग करें — इससे आप मार्केट की volatility के हिसाब से स्टॉप लॉस तय कर सकते हैं।

  2. Risk/Reward Ratio 1:2 या उससे बेहतर रखें।

  3. Trailing Stop Loss को ₹ या % के हिसाब से सेट करें।

  4. हमेशा ट्रेड से पहले “Stop Loss Strategy” प्लान करें, बाद में नहीं।


🔹 Mistakes जो Smart Stop Loss में नहीं करनी चाहिए

❌ बहुत टाइट स्टॉप लॉस न लगाएं, वरना बार-बार हिट हो जाएगा।
❌ News-based ट्रेंड में बहुत छोटा ट्रेलिंग gap न रखें।
❌ हर स्टॉक के लिए एक ही Strategy न अपनाएं — volatility अलग होती है।


🔹 Smart Stop Loss के लिए Best Tools (Platforms)


🔹 निष्कर्ष (Conclusion)

Smart Stop Loss हर ट्रेडर के लिए एक “Protective Shield” की तरह है। यह न सिर्फ नुकसान को रोकता है बल्कि मुनाफे को सुरक्षित रखता है। अगर आप मार्केट में लंबे समय तक टिकना चाहते हैं, तो स्मार्ट स्टॉप लॉस को अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा ज़रूर बनाइए।


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